1. कैप्टन कौन था? उसे कौन-सी बात आहत करती थी?
Solution
कैप्टन एक लँगड़ा, मरियल और चश्मेवाला आदमी था। नेताजी की मूर्ति पर चश्मे का नहीं होना उसे परेशान करता था।
2. ‘देशभक्ति आजकल मजाक की चीज होती जा रही है।’ इस पंक्ति में देश और लोगों की किन स्थितियों की ओर संकेत किया गया है?
Solution
वर्तमान में सिर्फ राष्ट्रीय पर्वों पर देशभक्तों के बलिदान की स्मृति होती है। अब देशभक्ति की भावना कम हो गई है और देशभक्ति करने वालों को उपेक्षा की जाती है और उनका उपहास उड़ाया जाता है।
3. लेखक कस्बे को न तो बहुत बड़ा और न ही बहुत छोटा कहता है, क्यों?
Solution
कस्बे में थोड़े-से पक्के मकान और एक बाजार था। एक लड़कों काऔर एक लड़की का स्कूल था। दो ओपन एयर सिनेमाघर एक सीमेंट कारखाना और एक नगरपालिका थी। इसलिए लेखक कस्बे को न तो बहुत बड़ा और न ही बहुत छोटा कहता है
4. हालदार साहब किस बात से दुखी थे?
Solution
हालदार साहब को पान वाले से कैप्टन की हँसी उड़ाते हुए यह कहा कि वह लँगड़ा क्या जाएगा फौज में। वे यह सोचकर दुखी हो गए कि क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर सब कुछ होम करने वालों पर हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके खोजती है।
5. हालदार साहब को पान वाले की कौन-सी बात अच्छी नहीं लगी और क्यों?
Solution
हालदार साहब को पानवाले द्वारा देशभक्तों का मज़ाक उड़ाया जाना अच्छा नहीं लगा। पानवाला भी चश्मेवाला का सम्मान नहीं करता था। उसे पागल और लँगड़ा कहा। हालदार साहब को एक देशभक्त का अपमान अच्छा नहीं लगा।
6. चश्मेवाला नेताजी से माफ़ी क्यों माँगता होगा?
Solution
चश्मेवाला नेताजी की मूर्ति पर चश्मा हटाना नहीं चाहता था। किंतु जब कोई ग्राहक आकर नेताजी की मूर्ति पर लगे फ्रेम की मांग करता था, तब वह मूर्ति पर लगा फ्रेम ग्राहक को दे देता था और मूर्ति को उसकी जगह दूसरा चश्मा पहना देता था। यही कारण है कि वह मन ही मन उनसे माफ़ी माँग लेता होगा।
7. हालदार और कैप्टन में क्या समानता दिखाई पड़ती है?
Solution
कैप्टन और हालदार दोनों देशभक्त और भावुक हैं। नेताजी से दोनों को बहुत प्यार है। कैप्टन नेताजी की मूर्ति पर चश्मा बदलकर और हालदार मूर्ति के बदले चश्मे को देखकर अपनी भावना प्रकट करते हैं।
8. चौराहों पर लगी महापुरुषों की मूर्तियों के प्रति जनता का क्या उत्तरदायित्व है?
Solution
चौराहों पर लगी मूर्तियों को तोड़ने-फूटने से बचाना जनता का दायित्व है। उन्हें समय-समय पर साफ करते रहें ताकि वे गंदगी से बचें। इसके अलावा उनके सम्मान में कई बार सभा, गोष्ठी या समारोह का आयोजन करें।
9. ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में बच्चों द्वारा मूर्ति पर सरकण्डे का चश्मा लगाना क्या प्रदर्शित करता है?
Solution
बच्चों ने नेताजी की मूर्ति पर सरकण्डे का छोटा-सा चश्मा लगाया, जो हमारे देश में अभी देशभक्ति जीवित है। छोटे कस्बों में भी सुभाषचन्द्र बोस जैसे देशभक्तों का सम्मान है। सभी को ऐसी देशभक्ति रखनी चाहिए।
10. हालदार साहब चक्कर में क्यों पड़ गए?
Solution
हालदार साहब चश्मेवाले को देखकर चक्कर में पड़ गए क्योंकि उन्होंने सोचा था कि वह एक लंबा, तगड़ा सैनिक या देशभक्त और रौबीला जवाना होगा. लेकिन चश्मेवाले का व्यक्तित्व उनकी सोच से बिल्कुल अलग था। कैप्टन एक लँगड़ा, मरियल और चश्मेवाला आदमी था।
11. हालदार साहब चश्मेवाले की किस बात पर खुश होते थे?
Solution
नेताजी की मूर्ति को चश्मा पहनाने से हालदार साहब खुश थे। उन्हें खुशी हुई कि कम-से-कम कोई सुभाषचंद्र बोस की परवाह करता है। इस छोटे से कस्बे में देशभक्ति जीवित है।
12. यह क्यों कहा गया कि महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं, उस भावना का है? ‘नेताजी का चश्मा’ के आधार पर बताइए।
Solution
कस्बे के चौराहे पर लगाई गई नेताजी की सुंदर मूर्ति पर चश्मा नहीं लगा था। किसी फेरी वाले ने एक चश्मा पहना दिया था। हालदार ने भी चश्मा को सामान्य समझा। इन कमियों की ओर ध्यान न देकर, इसके बजाय, रंग-रूप, कद आदि पर ध्यान देना चाहिए। कस्बे वालों ने मूर्ति लगाकर देशभक्ति की भावना व्यक्त की।
13. कैप्टन हालदार साहब के लिए दया का पात्र क्यों था?
Solution
कैप्टन हालदार साहब के लिए दया का पात्र इसलिए था क्योंकि उन्होंने सोचा कि वह एक देशभक्त है। उसने अपना सब कुछ देश के लिए न्योछावर कर दिया है, फिर भी लोग उसका मज़ाक उड़ाते हैं।
14. नेताजी की मूर्ति लगाने के कार्य को सफल और सराहनीय प्रयास क्यों बताया गया है?
Solution
नेताजी की मूर्ति की स्थापना को सफल और सराहनीय प्रयास बताने के लिए कई कारण थे। मूर्ति संगमरमर की थी और सुन्दर थी। नेताजी की उस प्रतिमा को देखकर ‘दिल्ली चलो’ और ‘तुम मुझे खून दो…’ के नारे याद आ जाते थे।
15. हालदार साहब दूसरी बार कस्बे से गुजरते अपने किस कौतूहल का निवारण किस तरह किया?
Solution
हालदार साहब ने दूसरी बार शहर से गुजरते हुए मूर्ति में कुछ अंतर देखा। उन्होंने ध्यान से देखा कि मूर्ति का चश्मा इस बार बदल गया था। पहले मोटे फ्रेम वाला चौकोर चश्मे की जगह अब तार के फ्रेम वाला गोल चश्मा है। यह देखकर हालदार साहब बहुत उत्सुक हो गए और अपनी उत्सुकता इतनी बढ़ गई कि उन्होंने पानवाले से पूछा, “क्यों भई! क्या बात है?” नेताजी का चश्मा हर बार बदल कैसे जाता है?’
16. ‘देश-प्रेम किस तरह प्रकट होता है?’ ‘नेताजी का चश्मा’ कहानी के आधार पर बताइए।
Solution
देशभक्ति को व्यक्त करने के लिए सैनिकों की उपस्थिति या भारी नाराबाजी की जरूरत नहीं है। छोटी-छोटी बातें देशभक्ति को दिखा सकती हैं। जैसे नगरपालिका द्वारा नेताजी की मूर्ति स्थापित करने और कैप्टन चश्मेवाला द्वारा नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाने से देश-प्रेम प्रकट हुआ है। बाद में सरकण्डे का चश्मे लगाने वाले का भी देशप्रेम प्रकट हुआ है।
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