इस पेज पर आपको एक कहानी यह भी Class 10 Hindi Important Questions and Answers मिलेगी जिससे छात्रों को exam preparation के लिए different types के questions मिल जाएँगें जिससे वह efficiently खुद को prepare कर पाएँगें|

Important Questions and Answers for Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi Class 10 Hindi Kshitiz

1. मन्नू भण्डारी के पिता की कौन-सी विशेषताएँ अनुकरणीय हैं ?

Solution

मन्नू भण्डारी के पिता के कई गुण अनुकरणीय हैं, साथ ही वे बहुत उदार, भावुक और अध्ययनशील थे। जब तक उनके पास पर्याप्त धन रहा, वे छात्रों को हर संभव सहायता देते रहे। वे शुरू में सहज विश्वासी, मित्रता का निर्वाह करने वाले, सच्चे और जनसेवक थे, लेकिन बाद में उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई, इसलिए वे साहस से अपनी अधूरी उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश करते रहे।

2. लेखिका ने बचपन में कौन-कौन से खेल, किसके साथ खेले?

Solution

बचपन में लेखिका ने अपनी बड़ी बहन सुशीला और आसपास की सहेलियों के साथ लँगड़ी टाँग, पकड़म-पकड़ाई, काली टीलो, गुड्डे-गुड़ियों का ब्याह रचाना आदि खेल खेले। उन्होंने अपने भाइयों के साथ भी पतंग उड़ाना, गुल्ली-डंडा खेले।

3. मन्नू भण्डारी ने अपनी माँ के बारे में क्या कहा है?

Solution

मन्नू भण्डारी ने अपनी माँ को अशिक्षित और व्यक्तित्व विहीन बताया है। वह बहुत सरल थीं, अपने बच्चों की हर इच्छा पूरी करने में तत्पर थीं और अपने पति की आज्ञापालिनी थीं। वह अपने कर्तव्यों का पालन करती थी और अपने पति के उचित-अनुचित आदेशों को मानती थी। इस तरह वह बहुत भोली और त्यागी थी।

4. देश की आजादी के संघर्ष में मन्नू भण्डारी की सक्रिय भागीदारी को लेकर पिताजी के साथ उनके टकराव की स्थिति को अपने शब्दों में लिखिए ।

Solution

देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में मन्नू भण्डारी ने पहले अपने कॉलेज में आन्दोलन चलाया, फिर अजमेर बाजार में लड़के-लड़कियों का नेतृत्व करते हुए जुलूस निकाला, वहाँ चौपड़ पर जोशीले भाषण दिये। मन्नू भण्डारी के इस बात पर अपने पिता का विरोध झेलना पड़ा। पिताजी चाहते थे कि लड़कियाँ देश-दुनिया की खबरों से परिचित हों, लेकिन वे खुले आम लड़कों के साथ आंदोलन में सक्रिय नहीं हों। वे लड़कियों को इस तरह की स्वतंत्रता देने के पक्ष में नहीं थे।

5. डॉक्टर साहब ने लेखिका की प्रशंसा क्यों की थी?

Solution

डॉक्टर साहब ने लेखिका का भाषण सुना। इतनी भीड़ में एक लड़की के द्वारा इतनी स्पष्ट रूप से बोलने पर वे बहुत खुश थे। लेखिका का जोश, उत्साह और साहस उन्हें बहुत प्रभावित किया। यही कारण था कि उन्होंने लेखिका की प्रशंसा की।

6. लेखिका की माँ उसके लिए आदर्श क्यों न बन सकी?

Solution

लेखिका की माँ भोली और सहनशील थी। वह चुपचाप अपने पति के हर आदेश का पालन करती थी। वह बच्चों की सही और गलत इच्छाओं को पूरा करना अपना धर्म मानती थी। वह घर के सभी लोगों से प्यार करती थी, लेकिन उसकी कमजोरी यह थी कि वह अनपढ़, निरीह, भाग्यवादी और व्यक्तित्वहीन थी। उनमें प्रतिरोध एवं टकराव की भावना जरा भी नहीं थी। इन्हीं कारणों से लेखिका माँ को अपनी प्रेरणा के रूप में नहीं मान सकी।

7. पड़ोस के साथ ‘कल्चर’ शब्द जोड़ने के पीछे लेखिका के कौन-से अनुभव छिपे हैं?

Solution

उस समय लेखिका को पास-पड़ोस के किसी भी घर में जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं था। उनके साथ खेलना-कूदना, उनके साथ सुख-दुख में भागीदारी करना, अपनापन देना और उनके घर को अपना घर समझना लेकिन आज की दुनिया में इन सबका अभाव है। यही कारण है कि लेखिका ने “पड़ोस के साथ कल्चर” शब्द का प्रयोग किया है।

8. ‘एक कहानी यह भी’ के आधार पर सन् 1946-47 में स्त्रियों की सामाजिक स्थिति पर अपने विचार लिखिए।

Solution

1946-47 के दौरान हमारे देश में स्त्रियों को आजादी के नाम पर उतनी ही स्वतंत्रता थी कि वे घर में आए लोगों के साथ बैठें और देश की ताजा स्थितियों को समझें, लेकिन घर से बाहर निकलकर जुलूसों या हड़तालों में भाग न लें।

9. लेखिका ने किस डॉक्टर साहब का ज़िक्र किया है और क्यों?

Solution

लेखिका ने अजमेर में रहने वाले डॉक्टर अंबालाल का उल्लेख किया है। उन्होंने लेखिका को उसके जोशपूर्ण भाषण के लिए बधाई दी। उसकी बहुत प्रशंसा की। इसने लेखिका को बहुत उत्साहित किया। लेखिका के पिता अपनी बेटी के भाषण, हड़ताल आदि में भाग लेने से खुश नहीं थे तो डॉक्टर साहब ने ही उनका मन बदला।

10. लेखिका ने अपने पिता को किन-किन रूपों में अपने अंदर पाया?

Solution

लेखिका ने अपने पिता में निडरता, भावनाओं की कोमलता, संवेदनशीलता, क्रोध, कुंठा, अहं, शंकाल स्वभाव और राजनीति में सक्रिय भागीदारी आदि पिता के गुणों के रूप में अपने अंदर पाया।

11. “आर्थिक स्थिति खराब हो जाने पर व्यक्ति के स्वभाव और विचारों में भी परिवर्तन आ जाता है।” “एक कहानी यह भी पाठ के आधार पर लिखिए।

Solution

जब व्यक्ति की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है, आपकी खुशी, उदारता और सदाशयता सब कम हो जाती है। उसका स्वभाव संकुचित, कंजूस और शक्की हो जाता है। ऐसा व्यक्ति सद्भावनाओं से रहित होकर क्रोधी, अहंवादी, प्रतिष्ठा की झूठी शान रखना आदि विरोधी भावनाओं से ग्रस्त हो जाता है।

12. लेखिका किसके सहयोग से जागरूक नागरिक बन पायी?

Solution

लेखिका के पिता ने उसे रसोईघर से बाहर निकालकर सामाजिक समस्याओं की ओर प्रेरित किया। घर में होने वाले बड़े-बड़े बहसों में भाग लेने से वह उनके सहयोग से जागरूक नागरिक बन पायी। प्रो. शीला अग्रवाल ने भी इसमें पूरा योगदान दिया।

13. लेखिका में बचपन में ही हीन भावना क्यों और किस हद तक घर कर गई थी ?

Solution

लेखिका के पिता ने बचपन में अपनी बड़ी बहन की बहुत प्रशंसा की क्योंकि वह गोरी और सुंदर थी। लेखिका दुबली और काली थी। उसकी प्रशंसा और बड़ी बहन की तुलना से ही उनके मन में हीन भावना घर कर गई।

14. “पड़ोस – संस्कृति मानव मन को प्रभावित करती है।” “एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Solution

लेखिका की कई पहली कहानियों के पात्र अजमेर के उसी ब्रह्मपुरी मोहल्ले में बड़े हुए और युवा हुए। लेखिका को उनकी भाषा, भाव-भंगिमाएँ, जीवन-शैली सब कुछ याद आया। इससे स्पष्ट होता है कि मानव मन पर पड़ोस की संस्कृति का प्रभाव पड़ता है।

15. लेखिका को बचपन में रसोईघर से दूर रहने के लिए किसने और क्यों मजबूर किया?

Solution

लेखिका को बचपन में उनके पिता ने रसोईघर से दूर रहने को कहा था। रसोईघर को भटियारखाना कहा जाता था। रसोई में काम करने से व्यक्ति की सारी बौद्धिक क्षमता खत्म हो जाती है। रसोईघर में रहकर कोई महत्वपूर्ण काम नहीं हो सकता।

16. लेखिका के मन में पनपी हीन ग्रन्थि का क्या दुष्परिणाम हुआ?

Solution

लेखिका को हीन भावना ने हमेशा परेशान किया। इसका परिणाम यह हुआ कि वह अपनी उपलब्धियों पर भरोसा नहीं कर पाती थी। वह अपने विकृत विश्वास के कारण अपनी सफलता को तुक्का समझने लगी और उसे वह अपनी योग्यता का प्रतिफल नहीं मानती थी।

17. लेखिका के पिता की सबसे बड़ी कमजोरी क्या थी जिसके कारण लेखिका एक-दो बार उनके कोप से बच गई थी।

Solution

लेखिका के पिता जी के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी कमजोरी थी उनकी यश – लिप्सा। वे अपनी प्रतिष्ठा बचाना चाहते थे और समाज में विशिष्ट बनकर जीना चाहते थे। उनकी इसी दुर्बलता का लाभ यह हुआ कि वे एक-दो बार पिता की मार से बच गईं। लेखिका ने भाषण और हड़ताल में दो बार खुलकर भाग लिया। पिता ने इसे अनुशासनहीन और अनुचित समझा। किंतु लेखिका की साहस की प्रशंसा सुनकर पिता जी को बेटी पर गर्व हुआ।

18. प्रो. शीला अग्रवाल की जोशीली बातों का लेखिका पर क्या प्रभाव पड़ा?

Solution

प्रो. शीला अग्रवाल की जोशीली बातों से लेखिका के मन में साहस, जोश और उत्साह का भाव जागा। उसमें साहित्यिक रुचि पनपने लगी। नतीजतन, वे लड़कियों का नेतृत्व करने लगी, हड़ताल करने लगी और जुलूसों में भाग लेने लगी। वह शहर के चौराहों पर खड़े होकर जोरदार भाषण देने लगी।