1. बालगोबिन भगत को आप सद्गृहस्थ कैसे मान सकते हैं?
Solution
बालगोबिन भगत का अपना परिवार था। उनके परिवार में एक पुत्र और पुत्रवधू थी। उनके पास कुछ खेत थे और वे खेतीबारी करते थे। उनके पास एक साफ-सुथरा मकान था। वे सद्गृहस्थों की तरह काम में लगे रहते थे और सभी से मेलजोल से रहते थे। वे किसी को बुरा नहीं कहते थे। इस प्रकार वे सद्गृहस्थ सन्त थे।
2. बालगोबिन भगत खेत की पैदावार कहाँ ले जाते थे और क्यों?
Solution
बालगोबिन भगत के खेत में जो भी फसल होती, उसे सिर पर लादकर सबसे पहले अपने ‘साहब’ के दरबार में ले जाते थे। वह उनके घर से चार कोस दूर था। क्योंकि सब कुछ उनके ‘साहब’ का था और वे सब चीज़ों पर सबसे पहला अधिकार ‘साहब’ का ही मानते थे।
3. आषाढ़ में गाँवों में चलने वाले क्रिया-कलापों का वर्णन कीजिए।
Solution
आषाढ़ महीने में रिमझिम वर्षा होने पर गाँवों में खेती की जाती है। कहीं हल चल रहे थे, तो कहीं किसान कीचड़ में लथपथ होकर धान बो रहे थे। खेतों में बच्चे उछल-कूद कर रहे थे। औरतें खेत की मेंड़ पर कलेवा लेकर बैठी थीं।
4. बालगोबिन भगत के संगीत को जादू क्यों कहा गया है?
Solution
बाल गोबिन का संगीतमय स्वर लहरियाँ लोगों के दिलों को छू जाती थीं। बच्चे उनके कण्ठ से मधुर गीत सुनकर खुश हो जाते थे। काम करने वालों के पैरों में लय आ गई और वे भी गुनगुनाने लगे। यही कारण है कि उनके संगीत को जादू कहा जाता है।
5. प्रभाती के लिए उनकी दिनचर्या में पहला काम क्या और कैसे पूरा होता था?
Solution
प्रभाती के लिए वे सुबह उठकर नदी में स्नान करने जाते थे। घर से दो मील दूर नदी थी। स्नान करके गाँव के बाहर पोखरे के ऊँचे भिंडे पर बैठ जाया करते थे। खँजड़ी बजाकर ऊँची आवाज़ में भक्तिगीत गाते थे।
6. बालगोबिन भगत अपने सुस्त और बोदे-से बेटे के साथ कैसा व्यवहार करते थे और क्यों?
Solution
बालगोबिन भगत अपने अपने सुस्त और बोदे-से बेटे से बहुत प्यार करते थे क्योंकि वे सोचते थे कि ऐसे आदमियों पर ही ज्यादा प्यार और ध्यान देना चाहिए। वे पूरी निगरानी और प्यार के अधिक हकदार होते हैं।
7. बालगोबिन भगत के साहब कौन थे? उनके किन आदर्शों पर चलते थे?
Solution
बालगोबिन भगत संत कबीरदास को अपना ‘साहब’ मानते थे और उनके आदर्शों और सिद्धांतों पर चलते थे। उनके गीतों को गाते थे। झूठ नहीं बोलते, सबसे अच्छा व्यवहार करते थे। बिना पूछे किसी की कोई वस्तु ना ही छूते या व्यवहार में लाते थे। किसी से झगड़ा नहीं करते। वे कबीर के मूल्यों और सिद्धांतों का पूरी तरह से पालन करते थे।
8. ‘बालगोबिन भगत’ पाठ में किन सामाजिक रुढ़ियों पर प्रहार किया गया है?
Solution
“बालगोबिन भगत” पाठ में विधवा विवाह का विरोध करने, विधुर व्यक्ति के गृहत्यागी साधु बनने और धार्मिक क्रिया-कर्म का ढोंग करने आदि सामाजिक रुढ़ियों पर प्रहार किया गया है।
9. बालगोबिन भगत द्वारा पतोहू को पुनर्विवाह के लिए बाध्य करने में भारतीय समाज की किस समस्या का समाधान निहित है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
Solution
पुत्र की मृत्यु के बाद बालगोबिन भगत ने पतोहू के भाई को उसका पुनर्विवाह कराने के लिए कहा। पतोहू अभी जवान थी और वह निःसन्तान थी। इसलिए उन्होंने उसे पुनर्विवाह करने को कहा। इससे हमारे समाज की विधवा-विवाह समस्या का समाधान प्रस्तुत किया गया है।
10. बालगोबिन भगत किस संत के अनुयायी थे? बालगोबिन पर उनका कितना प्रभाव था?
Solution
बालगोबिन भगत संत कबीर के अनुयायी थे।अपना संपूर्ण जीवन वे साहब की संपत्ति मानते थे। वे कबीर के सिद्धांतों का पालन करते थे। उनका जीवन ईश्वर को समर्पित था।
11. बालगोबिन भगत की पतोहू किन कारणों से अपने भाई के साथ जाने को तैयार नहीं हो रही थी?
Solution
बालगोबिन भगत की पतोहू को अपने ससुर के प्रति बहुत श्रद्धा, आत्मीयता और सम्मान था। अपने स्वभाव के कारण वह ससुर की सेवा करना अपना सर्वोच्च कर्तव्य समझती थी। वह अपने ससुर को बुढ़ापे में देखकर उनके साथ जीवन भर रहना चाहती थी। यही कारण है कि वह अपने भाई के साथ जाने को तैयार नहीं हो रही थी।
12. भगत जी ने पुत्र की मृत्यु होने पर क्या किया?
Solution
भगत जी के घर के आँगन में एक चटाई पर उनका मृतक बेटे को सिरहाने लिटाया हुआ था। एक दीपक जल रहा था। भगत सिंह जमीन पर आसन पर बैठे हुए थे। वे तल्लीन होकर भक्तिगीत गा रहे थे।
13. बालगोबिन की साँझ कैसे संपन्न होती थी?
Solution
वे गर्मियों में घर के आँगन में आसन जमा कर बैठते थे। जहाँ उनके गाँव के कुछ संगीत प्रेमी भी आते थे। ताल-स्वर धीरे-धीरे शरीर और मन पर हावी होने लगता है, जिससे बालगोबिन नाचने लगते हैं। नृत्य-संगीत सारा आँगन ओतप्रोत हो जाता था।
14. बालगोबिन भगत की पुत्रवधू की ऐसी कौन-सी इच्छा थी जिसे वे पूरी नहीं कर सके ? कारण स्पष्ट कीजिए।
Solution
बालगोबिन भगत की पुत्रवधू अपने पति की मृत्यु के बाद ससुराल में ही रहना चाहती थी। वह अपने ससुर की सेवा करना चाहती थी, लेकिन बालगोबिन ने उसकी इस इच्छा को पूरा नहीं किया। क्योंकि वह अभी युवा थी और वे उसका पुनर्विवाह करवाना चाहते थे ताकि वह खुश रह सके।
15. पुत्र के शव के निकट बैठकर बालगोबिन भगत लगातार क्यों गाए जा रहे थे और रोती हुई पतोहू को उत्सव मनाने के लिए क्यों कह रहे थे?
Solution
पुत्र के शव के निकट बैठकर बालगोबिन भगत लगातार गाए जा रहे थे और रोती हुई अपनी पतोहू को उत्सव मनाने के लिए इसलिए कह रहे थे क्योंकि वे आत्मा और परमात्मा के अस्तित्व में पूरा-पूरा विश्वास रखते थे तथा सांसारिक माया-मोह से दूर हो चुके थे। इसलिए आज पुत्र की मृत्यु होने पर वे सोच रहे थे कि पुत्र नहीं मर गया, बल्कि उसकी आत्मा रूपी विरहिणी बहुत दिनों बाद परमात्मा रूपी प्रियतम से मिल गई है। इसलिए आज बहुत खुशी का दिन है। रोना-चिल्लाना नहीं बल्कि गाना-बजाना चाहिए।
16. ‘बालगोबिन भगत की मौत उन्हीं के अनुरूप हुई। कैसे?
Solution
बालगोबिन भगत प्रभु भक्त थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन भक्ति में बिताया था। वे अपनी अंतिम साँस तक भक्ति के पद गाते रहे। साथ ही वे अंत तक स्नान-ध्यान और व्रत नियम की विशिष्ट क्रियाएँ करते रहे। उनका जीवन पवित्र था तो उनकी मौत भी ऐसी ही पवित्र थी। इस प्रकार उनकी मृत्यु उन्हीं के अनुरूप हुई।
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