यह दंतुरित मुस्कान Class 10 Hindi Kshitij NCERT Solutions
1. बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Solution
बच्चे की दंतुरित मुस्कान को देखकर कवि का हृदय गदगद हो जाता है| उसे वह इतनी मनोरम लगती है कि जैसे निर्जीव को भी जीवन की प्रेरणा से भर जीवित कर देगी। इससे कवि के मन की सारी उदासी और निराशा दूर हो जाती है। कवि को बच्चे की मुस्कान मनमोहक लगती है।
2. बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर है?
Solution
बच्चों की मुसकान भोली, निश्छल, सहज और आकर्षक होती है, जबकि जीवन के अनुभव बड़ों को सोच-समझकर मुसकराना सिखाते हैं। उनकी मुसकान दिखावटी, औपचारिकता से पूर्ण, छल-कपट से या मजबूरी से भरी भी हो सकती है। उसमें बच्चों जैसा प्राकृतिक भोलापन नहीं होता है।
3. कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है?
Solution
कवि ने बच्चे की मुस्कान के सौंदर्य को निम्नलिखित बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है:
स्पर्श बिंब में: परस पाकर तुम्हारा ही प्राण,
पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण
छू गया तुमसे कि झरने लग पडे शेफालिका के फल
दृश्य बिंब में: तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात…
छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।
4. भाव स्पष्ट कीजिए –
(क) छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।
(ख) छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल बाँस था कि बबूल?
Solution
(क) शिशु की सुंदरता निराली है। दाँत निकलते हुए शिशु की निश्छल मधुर मुस्कान देख कर कवि का मन प्रसन्न हो उठता है। उसे ऐसा लगने लगता है कि मानो उसकी झोंपड़ी में ही कमल खिल उठे हों।
(ख) बच्चे के शरीर की कोमलता इतनी प्रभावशाली है कि कठोर से कठोर हृदय भी कोमल हो उठता है। बच्चे की निश्छल मुस्कान देखकर उसका स्पर्श पाकर बांस या बबूल से भी शेफालिका के फूल झरने लगते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को बच्चे की मुस्कान मनमोहक लगती है।
रचना और अभिव्यक्ति
5. मुस्कान और क्रोध भिन्न भिन्न भाव है। इनकी उपस्थिति से बने वातावरण की भिन्नता का चित्रण कीजिए।
Solution
मुसकान मनुष्य की प्रसन्नता की सहज अभिव्यक्ति है। मुसकराने से प्यार एवं अपनत्व की भावना जागती है और हर कोई हमें तुरंत अपना लेता है। मुसकान से सबका हृदय प्रफुल्लित होता है। दूसरी ओर क्रोध मन की अशांति एवं अप्रसन्नता का सूचक है। क्रोध करने से कोई भी हमारा साथ नहीं देता। दूसरों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हम स्वयं क्रोध की अग्नि में जलते हैं और अपना ही नहीं, दूसरों का भी नुकसान करते हैं।
6. दंतुरित मुसकान से बच्चे की उम्र का अनुमान लगाइए और तर्क सहित उत्तर दीजिए।
Solution
दंतुरित मुस्कान से बच्चे की उम्र 7 महीने से 1 साल के बीच की लगती है क्योंकि इसी महीने में बच्चे के दूध के दांत निकलने शुरू हो जाते हैं|
7. बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
Solution
कवि बच्चे से मिला तो उसकी मुस्कान देखकर मुग्ध हो जाता है।बच्चे की मुस्कान देखकर कवि की निराशा और उदासी गायब हो जाती है। कवि को उसकी मुस्कान कमल के फूल के समान लगती है। जब बच्चा कवि को तिरछी नजर से मुस्कुराते हुए देखता है तो और भी सुंदर लगता है।
फसल Class 10 Hindi Kshitij NCERT Solutions
1. कवि के अनुसार फसल क्या है?
Solution
कवि के अनुसार फसल नदियों के पानी का जादू,लाखों किसानों की मेहनत का प्रतिफल,भिन्न प्रकार की मिट्टी के गुण, अनुकूल हवा, सूर्य के प्रकाश आदि प्राकृतिक उपादानों का फल है।
2. कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। वे आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं?
Solution
कवि के अनुसार फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्व में अलग-अलग रंगों और प्रकार वाली मिट्टी, सूरज की ऊर्जा प्रदान करती किरणें, पौधों की सिंचाई के लिए भरपूर पानी, और हवा के अतिरिक्त अनगिनत लोगों का अथक परिश्रम आते हैं।
3. फसल को ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर कवि क्या व्यक्त करना चाहता है?
Solution
फसल को ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर कवि यह कहना चाहता है कि किसानों और मजदूरों के द्वारा की गई मेहनत और लगन के बिना फसल की पैदावार नहीं हो सकती। फसल किसानों की हाथों की मेहनत का गौरव है।
4. भाव स्पष्ट कीजिए-
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!
Solution
इन पंक्तियों का भाव यह है कि सूरज की धूप और प्रकाश से पौधे क्रमश: बढ़ते हैं और फिर फसल पककर तैयार होती है। धीमी बहती हवा फसल को तैयार होने में सहायता पहुँचाती है, वरना तेज़ हवा के झोंकों से फसल को नुकसान पहुँच सकता है।
रचना और अभिव्यक्ति
5. कवि ने फ़सल को हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म कहा है-
(क) मिट्टी के गुण-धर्म को आप किस तरह परिभाषित करेंगे?
(ख) वर्तमान जीवनशैली मिट्टी के गुण-धर्म को किस-किस तरह प्रभावित करती है?
(ग) मिट्टी द्वारा अपना गुण-धर्म छोड़ने की स्थिति में क्या किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना की जा सकती है?
(घ) मिट्टी के गुण-धर्म को पोषित करने में हमारी क्या भूमिका हो सकती है?
Solution
(क) मिट्टी अपने लाल, पीले, काले और भूरे रंग के साथ अलग-अलग पोषक गुणों से युक्त होती है। अलग-अलग प्रकार की पैदावार के लिए अलग-अलग प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता होती है, जैसे धान की फसल के लिए चिकनी मिट्टी, गेहूँ के लिए दोमट उपजाऊ मिट्टी, कपास के लिए काली मिट्टी और चाय के लिए पहाड़ी ढलान की आवश्यकता होती है।
(ख) वर्तमान जीवन-शैली में मिट्टी बरी तरह प्रदुषित हो रही है। अनेक प्रकार के रासायनिक तत्व, फैक्ट्रियों का कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएँ, जैसे- थैले, बोतल आदि मिट्टी की गुणवत्ता को नष्ट कर रहे हैं। पैदावार बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग भी हानिकर सिद्ध हो रहा है।
(ग) मिट्टी द्वारा अपना गुण-धर्म छोड़ने की स्थिति में किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जब मिट्टी उपजाऊ शक्ति वाला अपना गुण-धर्म ही छोड़ देगी तो ऐसी स्थिति में मिट्टी बंजर हो जायेगी, जिसके कारण फसलों का उत्पादन नहीं हो सकेगा।
(घ) मिट्टी के गुण-धर्म को पोषित करने के लिए हमें सबसे पहले मिट्टी के गुण-धर्म को प्रभावित करने वाले कारकों की जानकारी करनी चाहिए। रासायनिक खादों के स्थान पर प्राकृतिक खाद का प्रयोग करना चाहिए। ज़हरीले कीटनाशकों का छिड़काव बंद करना होगा। साथ ही वर्ष में बदल-बदल कर तीन बार फसल बोकर मिट्टी की उर्वरता को पुनः संतुलित करना होगा।
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