1. सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
Solution
सेनानी ना होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन इसलिए कहते थे क्योंकि देश प्रेम की भावना उसके अंदर भरपूर थी। वे स्वतंत्रता सेनानियों का बहुत सम्मान करता था देश के प्रति त्याग की भावना उसके मन में किसी फौजी से कम न थी।
2. हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा –
(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?
(ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?
(ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?
Solution
(क) हालदार साहब पहले यह सोचकर मायूस हो गए क्योंकि उन्हें पता था की कैप्टन की मृत्यु होने के बाद मूर्ति पर चश्मा लगाने वाला कोई नहीं था। कस्बे के नागरिकों में देशभक्ति की भावना का अभाव हालदार साहब को मायूस कर गया
(ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा एक उम्मीद जगाता है कि हमारी आने वाली पीढ़ी के मन में देशभक्तों के प्रति आदर व सम्मान का भाव है। प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से देश के निर्माण में अपना योगदान देते हैं।
(ग) मूर्ति पर लगे हुए सरकंडे के चश्मे को देखकर हालदार के मन में स्थित निराशा आशा में बदल गई। उन्हें विश्वास हो गया था भावी पीढ़ी देशभक्तों का सम्मान करती है। यही सोचकर हालदार साहब भावुक हो गए।
3. आशय स्पष्ट कीजिए -“बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।”
Solution
इस कथन का आशय यह है कि अपने शहीदों और बलिदानियों का सम्मान न करने वाले देश का भविष्य क्या होगा। देश के लिए तन-मन-धन न्योछावर करने वाले देशभक्तों को सम्मान देना चाहिए न कि उन पर हँसना चाहिए। लोग अपना ईमान बेचकर स्वार्थ पूर्ति में लग गए हैं। लोगों की संकुचित सोच से देश का भविष्य असुरक्षित है।
4. पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।
Solution
पान वाला काला, मोटा और खुशमिज़ाज़ आदमी है| उसकी कस्बे के चौराहे पर पान की दुकान है।हंसने पर उसकी तोंद थिरकती है। हमेशा मुंह में पान टुंसे होने के कारण उसके दांत लाल-काले हैं। कैप्टन के बारे में पूछने पर वह उसका उपहास करता है, परन्तु उसकी मृत्यु पर वह उदास हो जाता है।
5. “वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनीप्रतिक्रिया लिखिए।
Solution
पानवाला कैप्टन को लँगड़ा, कमज़ोर और असमर्थ समझता था। उसका मज़ाक उड़ाता था। बार-बार मूर्ति को चश्मा पहनाने को वह पागलपन समझता था। फौज़ में काम करने वाले समर्थ लोगों को ही देश-सेवक समझने की भूल करता था। छोटे-छोटे कामों से देश के गौरव और महानता की रक्षा करने वालों के महत्व को समझ पाना उसके लिए कठिन था। इस टिप्पणी पर हमारी प्रतिक्रिया यह है कि पानवाले द्वारा किसी देशभक्त का इस तरह मजाक उडाया जाना उचित नहीं है।
रचना और अभिव्यक्ति
6. निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओरसंकेत करते हैं-
(क) हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।
(ख) पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला – साहब! कैप्टन मर गया।
(ग) कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।
Solution
(क) हलदर साहब पान खाने के शौकीन थे। उनके मन में देशभक्तों के प्रति बहुत सम्मान था। उनके मन में देशभक्ति की भावना प्रबल थी।
(ख) कैप्टन की मृत्यु की बात पर पानवाला उदास हो जाता है और उसकी आंखों से आंसू छलक जाते हैं। कहीं ना कहीं उसके मन में भी देशभक्ति की भावना थी और वह काफी संवेदनशील भी था।
(ग) कैप्टन के द्वारा बार-बार नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाना यह दर्शाता है कि उसके मन में देश के लिए कुर्बान होने वाले लोगों के प्रति आदर सम्मान था।
7. जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।
Solution
जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् नहीं देखा होगा, तब तक उनके मानस-पटल पर यह अंकित रहा होगा कि शायद वह आजाद हिंद फ़ौज का भूतपूर्व सिपाही रहा होगा या नेताजी का साथी होने के कारण उनके देश के प्रति योगदान को भूल नहीं पाया होगा। हालदार साहब की नज़र में वह एक रोबीला तथा दबंग व्यक्ति रहा होगा।
8. कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है-
(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?
(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?
Solution
(क) इस तरह की मूर्ति लगाने का उद्देश्य हो सकता है उस महान व्यक्ति की याद बनी रहे। लोगों को याद रहे कि उस महापुरुष ने देश के हित के लिए क्या-क्या महान कार्य किए।
(ख) महात्मा गांधी क्योंकि उन्होंने अहिंसा, सत्य, सदाचार को बढ़ावा दिया तथा सबको समान नजर से देखा।
(ग) उस मूर्ति के प्रति लोगों का यह दायित्व होना चाहिए कि मूर्ति की गरिमा को ध्यान में रखे, उसका अपमान ना करें, इस मूर्ति को नुकसान ना पहुंचाएं, उस महापुरुष के नक्शे कदम पर चले तथा दूसरों को भी प्रेरित करें।
9. सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देशप्रेम का परिचय नहीं देते।हम सभी अपने दैनिक कार्यो में किसी न किसी रूप में देश-प्रेम प्रकट करते हैं; जैसे – सार्वजनिक संपत्ति को नुकसानन पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे और कार्यों का उल्लेख कीजिए और उन पर अमल भी कीजिए।
Solution
सीमा पर तैनात फौजी देश प्रेम का परिचय देते हैं परंतु हम लोग भी विभिन्न कार्यों के माध्यम से देश प्रेम को प्रकट कर सकते हैं जैसे:- खेल-कूद में भी सक्रिय भाग लेकर, कचरा इधर-उधर ना फेंककर,जल संरक्षण, शहीदों के प्रति सम्मान, लोगों का साथ मिलजुल कर रहना, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगीत का सम्मान।
10. निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए-
कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए।तो कैप्टन किदर से लाएगा? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया।उदर दूसरा बिठा दिया।
Solution
कोई ग्राहक आ गया समझिए। उसको चौड़ा फ्रेम चाहिए। तो कैप्टन तुरंत कहाँ से लाएगा? तब उसको मूर्ति पर लगा फ्रेम दे दिया। मूर्ति पर दूसरा फ्रेम लगा चश्मा पहना दिया।
11. ‘भई खूब! क्या आइडिया है।’ इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्द आने से क्या लाभ होते हैं?
Solution
एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आ जाने से उसका शब्द-भंडार बढ़ता है। भाषा अधिक ग्रहण करने के योग्य बन जाती है। सबसे बड़ी बात कि ऐसी भाषा प्रभावशाली होती है।
भाषा अध्ययन
12. निम्नलिखित वाक्यों से निपात छाँटिए और उनसे नए वाक्य बनाइए –
(क) नगरपालिका थी तो कुछ न कुछ करती भी रहती थी।
(ख) किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया गया होगा।
(ग) यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था।
(घ) हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए।
(ङ) दो साल तक हालदार साहब अपने काम के सिलसिलेमें उस कस्बे से गुज़रते रहे।
Solution
(क) तो, भी
(ख) ही
(ग) तो
(घ) भी
(ङ) तक
13. निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए-
(क) वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध् गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है।
(ख) पानवाला नया पान खा रहा था।
(ग) पानवाले ने साफ़ बता दिया था।
(घ) ड्राइवर ने ज़ोर से ब्रेक मारे।
(ङ) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।
(च) हालदार साहब ने चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया।
Solution
(क) उसके द्वारा अपनी छोटी सी दुकान में उपलब्ध् गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर दिया जाता है।
(ख) पानवाले द्वारा नया पान खाया जा रहा था।
(ग) पानवाले द्वारा साफ़ बता दिया गया।
(घ) ड्राइवर द्वारा ज़ोर से ब्रेक मारे गए।
(ङ) नेताजी द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया।
(च) हालदार साहब द्वारा चश्मे वाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया।
14. नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए –
जैसे – अब चलते हैं।
अब चला जाए।
(क) माँ बैठ नहीं सकती।
(ख) मैं देख नहीं सकती।
(ग) चलो अब सोते हैं।
(घ) माँ रो भी नहीं सकती।
Solution
(क) माँ से बैठा नहीं जाता।
(ख) मुझसे देखा नहीं जाता।
(ग) चलो अब सोया जाए।
(घ) माँ से रोया भी नहीं जाता।
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