राम लक्ष्मण परशुराम संवाद Important Questions and Answers का अभ्यास करके Class 10 के छात्र CBSE Board Exam के प्रारूप और संरचना से परिचित हो सकते हैं जिससे उन्हें अधिकतम अंक लाने में मदद मिलेगी| इन प्रश्नों का परीक्षा से पूर्व अभ्यास पाठ के concepts को समझने में सहायक होगा|

Important Questions and Answers for Chapter 2 Ram Lakshman Parshuram Samvad Class 10 Hindi Kshitiz

1. लक्ष्मण के वचनों का परशुराम पर क्या प्रभाव पड़ा?

Solution

लक्ष्मण की व्यंग्यपूर्ण बात सुनकर परशुराम क्रोधित हो उठे और समझाते हुए कहा कि काल के नियंत्रण में होने के कारण तुम सँभलकर बोल नहीं पा रहे हो। तुम नहीं जानते कि यह एक साधारण धनुष नहीं था, बल्कि शिवजी का धनुष था। इसलिए इसे तोड़ना आम बात नहीं है।

2. परशुराम की ललकार पर श्रीराम ने क्या कहा?

Solution

श्रीराम ने परशुराम की ललकार सुनकर कहा, नाथ, आपके किसी दास के अलावा भला कौन हो सकता है जो शिव के धनुष को तोड़ सकता है? उन्होंने स्वयं को उनका सेवक बताया।

3. परशुराम के क्रोधित होने का क्या कारण था?

Solution

सीता स्वयंवर में श्रीराम द्वारा शिव-धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाते हुए शिव-धनुष के टूटने से परशुराम क्रोधित हो गए।

4. धनुष के टूटने पर क्रुद्ध परशुराम को शान्त करने के लिए राम द्वारा कहे गये वचनों के आधार पर उनके स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।

Solution

राम ने क्रोधित परशुराम को शांत करते हुए कहा कि शिव धनुष को तोड़ने वाला सिर्फ आपका एक दास है, कृपया मुझे आज्ञा दीजिए। राम के ऐसे शब्दों से उनकी विनम्रता, सत्यप्रियता, निडरता और धीरता के गुणों का परिचय मिलता है।

5. ‘बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही’ का क्या आशय है?

Solution

‘बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्हीं’ का अर्थ है कि परशुराम क्षत्रिय कुलद्रोही थे। यही कारण है कि वे दुष्ट क्षत्रिय परिवारों के सबसे बड़े दुश्मन हैं, और उन्होंने अनेक बार दुष्ट क्षत्रिय राजाओं को मारकर उनका राज्य ब्राह्मणों को दान कर दिया।

6. राम के वचन सुनकर परशुराम ने क्या प्रतिक्रिया की?

Solution

राम की बात सुनकर परशुराम ने क्रोधित होकर कहा कि तुम स्वयं को सेवक कहते हैं, लेकिन सेवक वही होता है जो सेवा करता है। शत्रुता करने वाले सेवक नहीं होते, बल्कि दंडित किए जाने के योग्य होते हैं।

7. परशुराम के क्रुद्ध होने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए?

Solution

लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए ये तर्क दिये हे मुनि! यह शिव धनुष पुराना ही था। इसे तोड़ने से क्या फायदा नुक़सान होने वाला है? भैया राम ने इसे नया समझकर देखा, लेकिन हाथ लगाते ही टूट गया। इसलिए आपको गुस्सा नहीं होना चाहिए।

8. परशुराम ने अपने फरसे की क्या विशेषताएँ बताई हैं?

Solution

परशुराम ने बताया कि उनका फरसा कई बार क्षत्रियों को मार चुका था। सहस्रबाहु की भुजाएँ इसने काटी हैं। मेरा फरसा भयानक है। गर्भस्थ शिशु भी इसके नाद और भय से मर जाते हैं।

9. ‘कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं’ – का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए ?

Solution

“कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं” का अर्थ है कि लक्ष्मण कुम्हड़बतिया नहीं है, यानी छोटे फल के समान नरम नहीं है जो तर्जनी दिखाते ही मर जाएँगे। अर्थात् वे इतने कमज़ोर नहीं हैं कि परशुराम जब चाहें तब नष्ट कर दें।

10. लक्ष्मण ने सीता स्वयंवर में किस मुनि को चुनौती दी और कैसे?

Solution

सीता स्वयंवर में लक्ष्मण ने परशुराम को चुनौती दी। धनुष भंग को लेकर परशुराम ने अपना फरसा दिखाते हुए लक्ष्मण को डराना चाहा, लेकिन लक्ष्मण ने भी उन्हें कठोर उत्तर दिया। लक्ष्मण व्यंग्य बाणों से हर बार परशुराम की डींगें काटते रहे। इस तरह लक्ष्मण क्रोध का प्रतिरोध करते रहे और परशुराम की वीरता को चुनौती देते रहे।

11. ‘चहत उड़ावन फूँकि पहारु’- से लक्ष्मण का क्या अभिप्राय है?

Solution

“चहत उड़ावन फुंकि पहारु” से लक्ष्मण का अभिप्राय यह है कि वह पहाड़ के समान हैं जबकि परशुराम का क्रोध और बल-पौरुष एक फूँक के समान कमज़ोर हवा मात्र है। अर्थात् परशुराम लक्ष्मण का कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते।

12. परशुराम ने लक्ष्मण को क्षमा कर देने का क्या कारण बताया?

Solution

परशुराम ने लक्ष्मण को क्षमा करने का कारण बताया कि वे लक्ष्मण को विश्वामित्र के अच्छे शील स्वभाव की वजह से क्षमा कर रहे हैं, क्योंकि अगर विश्वामित्र उनके साथ नहीं होते तो वे कभी क्षमा नहीं करते।

13. रामचंद्र के वचनों को कवि ने किसके समान बताया है?

Solution

कवि ने श्रीराम के वचनों को शीतल जल के समान बताया क्योंकि लक्ष्मण के कठोर वचनों ने परशुराम का क्रोध बढ़ा दिया था, लेकिन श्रीराम के मधुर वचनों ने उनका क्रोध शांत कर दिया।

14. विश्वामित्र ने परशुराम को ‘साधु’ की क्या विशेषता बताई है?

Solution

विश्वामित्र ने परशुराम को साधु लोगों की यह विशेषता बताई कि वे बालकों के गुण-दोष पर ध्यान नहीं देते; दूसरे शब्दों में, आप साधु ठहरे और यह बालक राजकुमार है। आप इसे क्षमा कर दें।

15. सभा किसे बार-बार अनुचित कह हाय-हाय कर उठी?

Solution

जब लक्ष्मण परशुराम को माता-पिता का ऋण उतारने की बात कहते हैं तो परशुराम बहुत क्रोधित होकर अपना फरसा उठा लेते हैं। सभा में उपस्थित लोग अनिष्ट की संभावना से हाय-हाय करने लगते हैं। लक्ष्मण परशुराम को बताते हैं कि उन्हें कभी एक शक्तिशाली और पराक्रमी वीर नहीं मिला। लक्ष्मण की उस व्यंग्योक्ति को सुनकर लोग यह अनुचित है, यह अनुचित है, कह उठे।

16. धनुष के टूटने पर क्रुद्ध परशुराम को शान्त करने के लिए राम द्वारा कहे गये वचनों के आधार पर उनके स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।

Solution

राम ने क्रोधित परशुराम को शांत करते हुए कहा कि शिव धनुष को तोड़ने वाला सिर्फ आपका एक दास है। राम के ऐसे शब्दों से उनकी विनम्रता, सत्यप्रियता, और धीरता के गुणों का परिचय मिलता है।